खग स्थंबाची आरती

आरती खग स्तंभा | नित्य मंडपी उभा | विठ्ठल धैर्य रासी ॥ संत मंडपी शोभा ||१||

 

आवडी भेट देई | दुजे मागणे काई | श्री स्तंभ खग राजा 

सत्य वीनंती पायी | आरती खग स्तंभा | नित्य मंडपी उभा  ||२||

 

आनंद सर्वाभूती | देई सर्वदा प्रीती | नमन भेटी गोष्टी

देव राया संगती| आरती खग स्तंभा | नित्य मंडपी उभा ||३||

 

भावार्थ विप्र सत्ता | देव आवडी भक्ता | वीठली काम सर्व

 तुकाविप्र या हेता | आरती खग स्तंभा | नित्य मंडपी उभा ||४||

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